मां टूट जाती है जब उसके कोई औलाद नहीं होती

 चाहे लाख करो तुम पूजा और तीर्थ करो हजार,

अगर माँ बाप को ठुकराया तो सब ही हैं बेकार।


मां के हाथों का खाने का भी अलग स्वाद है

यह स्वाद दुनिया में कहीं नहीं मिल सकता

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