घर की इस बार मुकमल में तलाशी लूँगा,
गम छुपा कर मेरे माँ-बाप कहाँ रखते थे।
मां तुमने मुझे जिंदगी का
मतलब सिखा दिया मुझ
जैसे निकम्मे को भी तुम
ने एक अच्छा इंसान बना दिया
घर की इस बार मुकमल में तलाशी लूँगा,
गम छुपा कर मेरे माँ-बाप कहाँ रखते थे।
मां तुमने मुझे जिंदगी का
मतलब सिखा दिया मुझ
जैसे निकम्मे को भी तुम
ने एक अच्छा इंसान बना दिया
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